Friday, March 4, 2016

ऊंचाइयां

ऊंचाइयां


कमल चोपडा



--यह असम्भव है

--मगर क्यों ?

--मेरे बापू कट्टर हिंदू हैं .वे अपनी लडकी का विवाह एक नीच जाति के लडके के साथ कभी नहीं

होने देंगे. वे कहते हैं.....मैं तेरे लिए कोई ऊंची जाति का लडका देखूंगा

--अगर तुम राजी हो तो मैं तुम्हारे बापू से बात करके देखूं  ?

--मैं तो राजी हूँ पर ...बापू ...यह असम्भव है

अपूर्व असीमा के बापू से मिला और बोला –बापू मैं चालीस बीघे जमीन का मालिक हूँ .इसके 

अतिरिक्त एक फैक्टरीहै और शहर में दो कोठियां हैं.मैं एम ए तक पढ़ा हूँ .मैं आपकी पुत्री से शादी 
...

--इतना साधन संपन्न लडका हमें मिल जाए तो मुझे और क्या चाहिए ?

--सोच लीजिए मैं नीची जाति का हूँ .

--ऊंच –नीच कहे की बेटा और फिर धन दौलत ही...मेरा मतलब तुमसे ऊंचा लडका हमें कहाँ 
मिलेगा ?

और वह अपनी निम्न वर्गीय झेंप मिटाने के लिए –हैं ..हैं ..हैं  करने लगे .
(हालात 1981)