tag:blogger.com,1999:blog-8598379541054488135.post1646683386675915023..comments2023-10-16T00:14:00.526-07:00Comments on ज्ञानसिंधु: युगल की कथाएंभगीरथhttp://www.blogger.com/profile/11868778846196729769noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8598379541054488135.post-1405037779980338752010-07-25T10:20:39.959-07:002010-07-25T10:20:39.959-07:00दोनों लघुकथाएं अच्छी हैं, पर मुझे दूसरी ज्यादा ने ...दोनों लघुकथाएं अच्छी हैं, पर मुझे दूसरी ज्यादा ने ज्यादा प्रभावित किया।उमेश महादोषीhttps://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8598379541054488135.post-62452973446150760962009-10-30T09:36:11.383-07:002009-10-30T09:36:11.383-07:00दिनेश जी की बात से मै भी सहमत हूँ.दिनेश जी की बात से मै भी सहमत हूँ.प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8598379541054488135.post-54442263198324949102009-10-26T23:42:44.162-07:002009-10-26T23:42:44.162-07:00दोनों कथाएँ बहुत सुंदर ही नहीं अपितु उच्च कोटि की ...दोनों कथाएँ बहुत सुंदर ही नहीं अपितु उच्च कोटि की हैं। लेकिन आप को इन्हे दो अलग अलग पोस्टों में पेश करना चाहिए था। दोनों कथाओं पर प्रतिक्रिया मिलती। अब दोनों पर नहीं मिलेगी। <br />इन युगल कथाओँ की स्वतंत्र रूप से अधिक महत्ता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com