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एक अक्टूबर
को अचानक हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई । वे 61 वर्ष के थे और उर्जा से भरपूर , जन - जन के लिए संघर्ष करने को तत्पर वे एक कुशल संगठनकर्ता , वक्ता और नाटककार थे । सीटू और सी.पी.एम. से आरम्भ कर राजस्थासीटू और एम. सी.पी. आई की यात्रा पूरी की वे एम.सी. पी. आई . के पोलतब्यूरों के सदस्य थे। विकल्प जनवादी सामाजिक सांस्कृतिक मोर्चा के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष थे , उनके जीवन काल में उनकी ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित हुई । साहित्य में वामपंथी रूझान वाले सभी संगठनों को साझा मंच पर लाने का वे अथक प्रयास करते रहे।वे नाटककार तो अच्छे थे ही, कुशल अभिनेता भी थे । वे अपने परिवार में भी प्रिय थे उनका व्यवहार पारावारिक सदस्यों से मित्रता का था ऐसे आत्मीय जन का बिछुड़ना हृदय को दुख से भर देता है। मैं उन्हें हार्र्दिक श्रृद्धांजली अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति आत्मीय संवेदना प्रकट करता हूW।
नाट~य संस्था ‘पलाश’ और ज्ञानसिंधु अपने श्रृद्धा सुमन उन्हें अर्पित करता है।
2 comments:
शिवराम जी को मेरी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।
बेहद दुखद समाचार। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !
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