छोटी कथाओं की बड़ी बात -13
गाँधी भक्त बन्दर- गिरीश पंकज
देश आजाद हुआ, तो गांधीजी ने अपने तीनों बंदरों से कहा- ‘जाओ देश सेवा करो, मगर ध्यान रहे, बुरा मत करना, मत कहना और मत सुनना.’ तीनों ने गांधीजी का कहना माना और बुरा करने, देखने एवं सुनाने के लिए निजी सहायक रख लिए और निश्चिन्त होकर राजनीति करने लगे.
जेंटलमेन प्रोमिस- गिरीश पंकज
पिछले साल की तरह इस बार भी ‘वे’ बाढ़ की तबाही का हवाई सर्वे कर रहे थे। लोग बह रहे हैं, मरे पड़े हैं, घर डूब गए है। ऊपर से ऐसे दृश्य निहारो,
तो बड़ा रोमांचक होता है. मीडिया के सामने आंसू बहा कर वे घर पहुंचे
तो पत्नी बोली, ”आप बड़े वो हैं। इस बार भी अकेले-अकेले उड़ गए”। बच्चे बोले, ”हम भी एन्जॉय करते पॉप”। महोदय ने शरमाते हुए कहा, ”अरे, डोंट बादर, तबाही तो आती रहती है। अगली बार साथ-साथ
चलेंगे। इट इज जेंटलमेन प्रोमिस।”
संतुष्ट हो कर पत्नी लेडीज़ क्लब के लिए निकल गयी और बच्चे ‘लाँगड्राइव’ पर।
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