(दाएं से बाएं दिलीप भाटिया , मनोज कुमार शर्मा , राधेश्याम मेहर , विजय जोशी,भगीरथ, हंसराज चौधरी)
श्याम कुमार पोकरा के कहानी संग्रह "माँ का आँचल " का लोकार्पण दिलीप भाटिया , मनोज कुमार शर्मा, राधेश्याम मेहर , विजय जोशी, भगीरथ, हंसराज चौधरी ने किया इस अवसर पर बोलते हुए भगीरथ ने कहा कि श्याम पोकरा ग्रामीण अँचल के कथाकार हैं । इनकी कहानियों के परिवेश व भाषा में गांव बसा है । सामाजिक सरोकारो से ओतप्रोत होती 'आम का पेड़ , दादी माँ , भ्रूण रक्षा , व माँ का आँचल इस संग्रह की विशिष्ट कहानियाँ हैं 'दाढ़ देवी' कहानी की अपेक्षा सिने पटकथा ज्यादा लगती है 'खप्पर' जबरदस्त कथा है जो अंधविश्वास को उघाड़ते - उघाड़ते उसे पुख्ता कर देती है । लेखक को ऐसे मौको पर सचेत रहने की जरुरत है । वरिष्ठ कथाकार राधेश्याम मेहर ने श्यामकुमार पोकरा से अपने सबंधों का खुलासा करते हुए उनके सरल और आत्मीय स्वभाव से सभी को परिचित कराया । युवा कथाकार विजय जोशी ने प्रतिभावान रचनाकार श्याम पोकरा को बधाई देते हुए कहा कि हर वर्ष कम से कम इनकी एक पुस्तक अवश्य प्रकाशित होती है इनकी सर्जना को सलाम करते हुए आशा व्यक्त की कि उनकी सर्जनात्मकता और आगे तक जायेगी।
1 comment:
पोकरा जी को बधाई...
हम नहीं आ पाये थे...
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