अनुक्रमणिका
क्र. |
कथाएँ |
पृष्ठ |
|
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अग्रलेख& |
लघुकथा लेखन की सार्थकता |
xi |
1. |
पेट सबके हैं |
1 |
2. |
आग |
3 |
3. |
सोतेवक्त |
6 |
4. |
गोली नहीं चली |
9 |
5. |
शर्त |
11 |
6. |
तुम्हारे लिए |
13 |
7. |
फूली |
14 |
8. |
बघनखे |
17 |
9. |
दाल-रोटी |
18 |
10. |
कनविंस करने की बात
|
19 |
11. |
शाही सवारी |
22 |
12. |
आत्मकथ्य |
24 |
13. |
दुमवाला आदमी |
26 |
14. |
औरत |
30 |
15. |
जनता-जनार्दन |
32 |
16. |
टेक्टिकल लाइन |
34 |
17. |
ओवरटाइम |
36 |
18. |
पिता,पति और पत्नी |
39 |
19. |
दोजख |
41 |
20. |
मेह बरसे तो नेह बरसे |
41 |
21. |
सही उपयोग |
43 |
22. |
नाटक |
45 |
23. |
सूना आकाश |
47 |
24. |
कछुए |
49 |
25. |
हक |
51 |
26. |
खामोशी |
54 |
27. |
भीख |
56 |
28. |
युद्ध |
58 |
29. |
शिखंड़ी |
61 |
30. |
मजबूरी और जरुरत |
63 |
31. |
लोमड़ी |
65 |
32. |
शिक्षा |
67 |
33. |
लाइसेंस |
70 |
34. |
राहत कार्य |
71 |
35. |
अवसरवादी |
73 |
36. |
चियर्स |
75 |
37. |
दहशत |
77 |
38. |
यस सर |
79 |
39. |
दुर्भाग्य |
82 |
40. |
बेदखल |
84 |
41. |
दुपहरिया |
86 |
42. |
अफसर |
88 |
43. |
चेतना |
91 |
44. |
चिनगारी |
93 |
45. |
आतंक |
95 |
46. |
अंधी दौड़ |
97 |
47. |
रोमांस के रंग |
98 |
48. |
अंतहीन ऊंचाईयां |
100 |
49. |
धापू घाचण सोचती है
|
102 |
50. |
अँधेरे द्वीप |
104 |
51. |
फैसला |
106 |
52. |
मुनाफाखोरी |
108 |
53. |
आत्महंता |
110 |
54. |
हड़ताल |
112 |
55. |
मंथन |
114 |
56. |
संगठित कार्यवाही |
115 |
57. |
टूल |
117 |
58. |
बीरबल के तोते |
118 |
59. |
राजनीति |
120 |
60. |
आरोप |
122 |
61. |
रोजगार का अधिकार |
124 |
62. |
अंतर्द्वंद्व |
127 |
63. |
मुक्तिदाता |
130 |
64. |
मोहभंग |
132 |
65. |
दौरा |
135 |
66. |
सभा चालू रक्खो |
137 |
67. |
हथकण्डे |
138 |
68. |
आधी रोटी की तसल्ली |
140 |
69. |
इक्कीसवीऺसदी |
142 |
70. |
लोकतंत्र के पोषक |
146 |
71. |
अपना-अपना दर्द |
148 |
72. |
मकान |
150 |
73. |
विवाह |
152 |
74. |
शहंशाह और चिड़िया
|
153 |
75. |
सयानी लड़की
|
155 |
76. |
परिशिष्ट |
157 |
परिशिष्ट
पेट सबके
हैं:चिंताओं की मुखाग्नि-राधेलाल बिजघावने
पेट सबके
हैं:`व्यवस्था विरोध के उच्च आयाम’ वेद प्रकाश अमिताभ
लघुकथा के
पर्याय : भगीरथ सतीश राठी
उमेश महादोषी
के आलेख ‘अद्यतन होती लघुकथा’ का एक अंश
डॉ.
पुरुषोत्तम दुबे के आलेख ‘हिंदी लघुकथा-गंगा के संवाहक : भगीरथ’ का एक अंश
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