Thursday, September 25, 2014

हमका नहीं पढ़ाना

हमका नहीं पढ़ाना 

चंद्रभूषण सिंह 

पूरी की पूरी दुनिया बदल गयी ,परन्तु वह शिक्षक नहीं बदला। जब उसे ज्ञात्त हुआ कि भोलाराम के बेटे राजेंद्र ने एक सप्ताह से विद्यालय आना
छोड़ दिया है ,तो एक दिन वह उसके घर पहुँच गया। जब शिक्षक ने भोलाराम से राजेन्द्र की  अनुपस्थिति  के बारे में पूछा तो भोलाराम ने तपाक
से कहा ,--हमका रजिन्दरा को अब नहीं पढ़ाना।
"भाई कुछ कारण तो होगा  ?"
"आप रजिन्दरा को एक हफ्ता पहले मारा  ?"
वह शिक्षक याद करने लगा। कुछ मिनटों के बाद उसने बतलाया कि उसने राजेन्द्र को ताड़ी पीने के लिए पीटा था
इतना सुनना था कि भोलाराम भड़क उठा ,"इ ताड़ी नहीं पीयेगा ,तो दूध पीयेगा ?घी खायेगा ? मास्टर साहेब  इ पासी का बेटा है ,ताड़ी
उतारना ,ताड़ी बेचना और ताड़ी पीना त इसका कमबे है"
"भोलाराम इस गंदी आदत से बच्चे बचे रहें तो अच्छा है। "
इसके उत्तर में भोलाराम ने जो कहा उसेसुनकर  शिक्षक चुपचाप लौट आए।
"आप इस्कूल में पढ़ाने आया है कि हमका रोजी बिगारने। आप  रजिन्दरा को नौकरी दे सकता है।
(तत्पश्चात   )

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