Monday, May 11, 2020

छोटी कथाओं की बड़ी बात 8




परिवर्तन


–मालती बसंत
वह बहुत सीधी-सादी लड़की थी. कॉलेज में पढ़ती थी. फिर भी आधुनिक वेशभूषा से उसे परहेज था. साडी पहनती, कसकर एक चोटी बनाती, माथे पर बड़ी–सी बिंदी, पिता की आज्ञाकारी, हमेशा नजरें झुकाए चलती.                                                                                               लेकिन उसने देखा, वह तेजी से पिछड़ती चली जा रही है. सहेलियों में उपेक्षा पाती, लड़के उसके सीधेपन का मजाक उड़ाते.                                                 यह सब सोचकर उसने अपने को बदल डाला. उसने आधुनिक ढंग के कपडे सिलवा लिए. बाल कटवा डाले. बोलने में अंग्रेजी लचक लाने लगी. एकदम मॉडर्न लड़की की तरह उसका व्यवहार हो गया.                                                                             पढाई ख़त्म होने पर एक बहुत अमीर, सुन्दर, पढ़े-लिखे लडके से उसकी बात चली तो लडके ने उसे देखकर इंकार कर दिया कि उसे फैशन की तितली नहीं, सीधी-सादी घरेलू पत्नी की जरुरत है.                                                                                   अब फिर से अपने को बदलना उसे बहुत कठिन लग रहा था. 
  
प्रेमविवाह
-मालती बसंत
कॉलेज में वाद-विवाद का विषय था- प्रेम-विवाह उचित है या अनुचित? कई छात्र –छात्राओं  ने इसमें भाग लिया और प्रेम-विवाह को उचित ठहराया, किन्तु सिर्फ दो ही विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्होंने प्रेम-विवाह अनुचित है पर जोरदार भाषण दिए. वे थे बी.ए. की छात्रा नीलम और एम.ए. का छात्र  विनोद.                                                                       नीलम विनोद के विचारों से सहमत थी और विनोद नीलम के विचारों से. इन्हीं विचारों के कारण वे एक दूसरे के निकट आए और सत्र के अंत तक दोनों प्रेम-विवाह का निर्णय ले चुके थे.  


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