Monday, September 8, 2008

चुनौती


भगीरथ
ठुकराई की ठसक रखने वाले सुमेरसिंह ने बादामी के बापू भैरा भांबी को बुलवाया । भैरा 'जै माता जी 'कह आंगन में उकडूँ बैठ गया।
सुमेरसिंह ने जमाने के तेवर भाँपते हुए अपनी ठसक छोड ,समझाईश करने लगे 'देख भैरा,जो हो गया सो तो हो गया, जवानी के जोश में होश कहाँ रहते हैं ,नादानी कर बैठा, नालायक कहीं का, चाहो तो हमारे जूते मार लो लेकिन हमारे बेटे को माफ़ कर दो।
तुम्हारा-हमारा पीढियों से व्यवहार चला आ रहा हैं । हमारें व्यवहार में आग लगाई का कोई फ़ायदा नहीं , आज जो तेरे पीछे खडे है न ,वे कल दिखाई नहीं देंगे
ये शब्द सुमेरसिंह की ठसक को चूर-चूर कर रहें थे , उसके अहंकार और श्रेष्ठता को आहत कर रहे थे ,लेकिन क्या करें ,समय ही ऐसा है।
बादामी का बापू चुप्प ,बोले तो क्या बोले ? हमेशा 'हाँ हुकुम ' कहता रहा है। ठाकुर कों गिडगिडाते देख उसे अच्छा लगा, उसके कलेजे में ठंडक पड गई । ह्र्दय कह रहा था बिचारा मांफ़ी माग रहा है, माफ़ कर दो। कैसे माफ़ कर दे सुमेरसिंह के बेटे को जिसने सरेआम हथियार बंद खुली जीप में बदामी को उठा लिया, कैसे माफ़ करें उस हरामी के पिल्ले को, जिसने उसकी इज्जत पर सरेआम हाथ डाला। कोई माफ़ी-वाफ़ी नहीं ।युगों से चला आ रहा यह अत्याचार और अपमान, अब यहीं रूकेगा। सोचते -सोचते उसका चेहरा सख्त हो गया ।ठाकुर ने बादामी के बापू का प्रतिक्रियाहीन सख्त चेहरा देख पेंतरा बदला । 'ठीक है, फ़िर यह जंग भी लड़ के देखलो। हाँ इतना जान लो कि चाकू और खरबूजे की जंग में , पेट खरबूजे का ही फटता है, बाप होकर बेटी की बदनामी करवा रहे हो, अब तो बात अखबारों तक पहुँच गई है , बदनामी तो गाँव की बेटी की हो रही है न ।
पूरा दलित समाज बदामी के बापू के पीछे खड़ा है। अब तो यह पूरे दलित समाज के मान-सम्मान की लडाई हो गई है। दलितों के जत्थे-के-जत्थे थाने के आगे धरने पर नहीं बैठते तो क्या पुलिस एफ़.आई.आर. लिखती ? उग्र रैली नहीं निकली होती तो क्या इस घटना को अखबार में जगह मिलती ?
इस आंदोलन को बढ़ते देख दलित मंत्री और विधायक भी बिन मांगे समर्थन दे रहे हैं । सरकार पर दबाव बन रहा है। गिरफ़्तारी तो हो ही गई, अब जमानत भी नहीं होगी । बिना लडें तो इनके अभिमान ,श्रेष्ठता और उच्चता की गांठे टूटेगी भी नहीं । सम्मान पाना है, तो लड़ना तो होगा ही । लड़ने के तमाम जोखिम उठाने ही पडेगे । यह सोचते हुए भैरा भांबी चुनौती की मुद्रा में खडा हो गया। ।
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